About shiv chalisa in hindi
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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
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कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
संकट में पूछत shiv chalisa lyricsl नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
लिङ्गाष्टकम्